ये बाग़, ये नम मिट्टी,
ये चमेली की ख़ुशबू, ये चांदनी रात
ये तब भी जगमगाएगी
जब मैं बीत जाऊंगा रोशनी से
क्योंकि ये मेरे आने से पहले थी
और बाद में मेरा हिस्सा न थी -
इस मूल की सिर्फ़ एक प्रतिलिपि
मुझमें दिखाई दी.
ये बाग़, ये नम मिट्टी,
ये चमेली की ख़ुशबू, ये चांदनी रात
ये तब भी जगमगाएगी
जब मैं बीत जाऊंगा रोशनी से
क्योंकि ये मेरे आने से पहले थी
और बाद में मेरा हिस्सा न थी -
इस मूल की सिर्फ़ एक प्रतिलिपि
मुझमें दिखाई दी.