नाज़िम हिकमत का जन्म १९०१ में तुर्की में हुआ था और १९६३ में सोवियत रूस में उन की मृत्यु हुई। कुल ६२ साल की उम्र में से अड़तालीस साल उन्होंने कविताएँ लिखी। इस काव्यमय जीवन के साथ साथ उनका जीवन संघर्ष भी चलता रहा। बहुत छोटी वय में क्रांतिकारी बन गए नाज़िम को कुल १८ साल जेल में काटने पड़े और १३ सालों तक वे एक से दूसरे देश निर्वासन में भटकते रहे।
दुनिया भर की भाषाओं में उनकी कविताओं का अनुवाद छपने के बावजूद उनकी कविता उनकी अपनी मातृभूमि में प्रतिबंधित रही। नाज़िम की कविता की ताक़त जनता और सिद्धान्त के प्रति उनकी उत्कट आस्था में निहित है। यही कारण रहा कि उनकी कविता दुनिया भर में चर्चित हुई और पसंद की गई। नाज़िम हमारे समय के एक बड़े मार्गदर्शक कवि हैं.