कभी लफ़्ज़ो से गद्दरी न करना
ग़ज़ल पढना, अदाकारी न करना
जो मेरी ज़िन्दगी के साथ की है
वही मरने पे फ़नकारी न करना
मेरे बचचों के आंसू पोंछ देना
लिफाफे का टिकट जारी न करना
इलाही ख़ाक तो कर देना, लेिकन
किसी शोले को िचनगारी न करना
कभी लफ़्ज़ो से गद्दरी न करना
ग़ज़ल पढना, अदाकारी न करना
जो मेरी ज़िन्दगी के साथ की है
वही मरने पे फ़नकारी न करना
मेरे बचचों के आंसू पोंछ देना
लिफाफे का टिकट जारी न करना
इलाही ख़ाक तो कर देना, लेिकन
किसी शोले को िचनगारी न करना