Last modified on 4 अक्टूबर 2018, at 10:55

याद / विनय सौरभ

Kumar mukul (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:55, 4 अक्टूबर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= विनय सौरभ |संग्रह= }} {{KKCatK avita}} <poem> उन ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

{{KKCatK avita}}

उन बारिशों को याद करो
जो तुम्हारी उदास रातों में
लगातार झरती रहीं

और वायलिन बजाते उस दोस्त को
कैसे भूल सकते हो
जो उन रातों में
तुम्हारे सिरहाने बैठा होता था !
​​