Last modified on 5 अक्टूबर 2018, at 21:00

उसकी थकान / मनमोहन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:00, 5 अक्टूबर 2018 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यह उस स्त्री की थकान थी
कि वह हँस कर रह जाती थी

जबकि
वे समझते थे
कि अन्ततः उसने उन्हें
क्षमा कर दिया !