Last modified on 31 जुलाई 2008, at 13:14

लम्बी चुप का नतीजा / शहरयार

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:14, 31 जुलाई 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शहरयार |संग्रह=शाम होने वाली है / शहरयार }} मेरे दिल की ख...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मेरे दिल की ख़ौफ़-हिकायत में

यह बात कहीं पर दर्ज करो

मुझे अपनी सदा सुनने की सज़ा

लम्बी चुप की सूरत में

मेरे बोलने में जो लुकनत है

इस लम्बी चुप का नतीजा है।


शब्दार्थ :

लुकनत=तुतलाहट