मैं नीले पानियों में घिर गया हूँ
किस तरह निकलूँ
किनारे पर खड़े लोगों के हाथों में
ये कैसे फूल हैं?
मुझे रुख़्सत हुए तो मुद्दतें गुज़रीं।
मैं नीले पानियों में घिर गया हूँ
किस तरह निकलूँ
किनारे पर खड़े लोगों के हाथों में
ये कैसे फूल हैं?
मुझे रुख़्सत हुए तो मुद्दतें गुज़रीं।