Last modified on 1 मार्च 2019, at 21:51

तूँ आ जा मइया / उमेश बहादुरपुरी

सशुल्क योगदानकर्ता ४ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:51, 1 मार्च 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

नगरिया के लोगवा मारऽ हे ठहकवा तूँ आ जा मइया।
ओढ़के ललकी चुनरिया तूँ आ जा मइया।
आ जा मइया हे, तूँ आ जा मइया हे, तूँ आ जा मइया।। ओढ़के ...
जाग-जाग सारी रात लाल भेलै अँखिया।
रतिया के बतिया पूछऽ हे संघतिया।
डालके ललकी ओहरिया तूँ आ जा मइया।। ओढ़के ....
ऊड़हुल के फूलवा हम तोड़लूँ ए माई।
सारी रे नगरिया बजइलूँ शहनाई।
चढ़के ललकी पलकिया तूँ आ जा मइया।। ओढ़के...
पूअवा बनयलूँ, बनयलूँ पकमनमा।
बीत गेलै भदवा बीतलै सवनमा।
सुनके हमरो भजनियाँ तूँ आ जा मइया।। ओढ़के...