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सद्भावना गीत / उमेश बहादुरपुरी

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हम हिंदु बनबइ न´् मुसलमान बनबई।
सबसे पहिले सुघड़ इनसान बनबइ।।
अदमी-अदमी के मारे कइसन ई धरम?
हम सब कुछ करबइ न करबइ ई करम?
ई देशवा के हमहीं त शान बनबइ। सबसे ....
हम बीज नफरत के करबे करबइ खतम।
सब कुछ मानबइ न मानबइ ई रसम?
हम आवेवाला कल के इम्तहान बनबइ। सबसे ....
दुनहुँ के देहिया के खूनमा हे लाल।
छतिया में बतिया रहल इहे शाल।
हम देशवा के धरम-ईमान बनबइ।। सबसे ....
एक्के माय-बाप के हम हिअइ संतान।
एक्के हमर धरती एक्के असमान
हम आवेवाला कल के पहचान बनबइ।। सबसे ....
तनि अँखिया से अँखिया मिलावऽ न भाई।
आवऽ खइहऽ हिल-मिल प्यार के मिठाई
हम आनेवाला कल के हिंदुस्तान बनवइ। सबसे ....