Last modified on 13 मार्च 2019, at 12:08

चुनरी चढ़इबो / उमेश बहादुरपुरी

चुनरी चढ़इबो लाले-लाल हे जगतारण मइया
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया

तोहरे चरण के मइया हमहीं पूजरिया ही
तोहरे दर के मइया हमहीं भीखरिया ही
हम्मर संकट दीहा टाल हे जगतारण मइया
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया

दिन-रात देखूँ मइया तोहरे सपनमा हे।
कहिया तूँ देवऽ मइया अपन दरसनमाँ हे।
कर दीहा हमरा के खुसहाल हे जगतारण मइया
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया

छोटी रे अँगनमा में निमियाँ के गछिया मइया
झिर-झिर बहे रामा पूरबा अउ पछिया मइया
ओकरा पर झुलिहा झूला डाल हे जगतारण मइया
भगतन पर रखिहा तूँ खेआल हे जगतारण मइया