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कृतकर्मा / महेन्द्र भटनागर

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दुःख क्यों ?

शरीर-धर्म की पूर्ति पर

दुःख क्यों ?

अंत —

चिन्ह पूर्णता,

सफल चरण

दुःख क्यों ?

जीव की समाप्ति

एक क्रम

दुःख क्यों ?


शेष

जीवनी वृतान्त

अर्थ सिद्धि दो,

नाम दो।

आख़िरी सलाम लो !