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ज्ञानदीप जलावोॅ सखिया / ब्रह्मदेव कुमार

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स्वागत में गाना सुनावोॅ, सुनावोॅ हे सखिया।

अनपढ़-निरक्षर जे भाय-बहिन छै
हुनका क-ख-ग-घ पढ़ावोॅ।
पढ़ावोॅ हे सखिया।
ओझा-गुनी झाड़-फूंक बताबै
पढ़ी-लिखी के डाॅक्टर बुलावोॅ।
बुलावोॅ हे सखिया।

गाँव के महाजनें, खोजै टिप्पाधारी
करी केॅ दसखत देखावोॅ।
देखावोॅ हे सखिया।

बेटा के बाप दहेजोॅ के लोभी
हुनका कचहरी पहुँचावोॅ।
पहुँचावोॅ हे सखिया।

सासु-ननद मिली पुतहु केॅ मारै
हुनका ललका कोठी दिखावोॅ।
दिखावोॅ हे सखिया।

मौका ई अंतिम साक्षरता अभियानोॅ के
सगरे ज्ञान दीप जलावोॅ।
जलावोॅ हे सखिया।