एक गंध ऐसी होती है
जो अंतर में बस जाती है
गुलाब सी नहीं
चंदन सी नहीं
ये तो हैं बहुत अभिजात
मीठी नीम सी होती है
तुम ... ऐसी ही एक गंध हो।
एक गंध ऐसी होती है
जो अंतर में बस जाती है
गुलाब सी नहीं
चंदन सी नहीं
ये तो हैं बहुत अभिजात
मीठी नीम सी होती है
तुम ... ऐसी ही एक गंध हो।