ॐ
ईहातीत क्षण
ईहातीत क्षणों की अनुभूति अनुभव गम्य होती है। यह आत्मा जिसमें हर क्षण कुछ ज्ञान पर्याय प्रकट हो रहे हैं। यह हर क्षण कुछ जान रहा है और उस ज्ञान के आकार में परिवर्तित हो रहा है। जब यह पञ्च भूतों को भोगता है, जानता है, तो उसमें व्यक्त होता है, रूपायित होता है ,प्रति भासित होता है, फ़िर स्वयम में लीं हो जाता है, बाहर कुछ रहता नहीं है। इन कवितायों में सत्ता के अस्ति, अव्यय अव्यक्त, अन्तः मुक्त स्वरुप को साक्षात करने का प्रयास किया है। इनमें यदि कहीं दिव्य अनुभूति है तो वह ईश्वर की कृपा है। दोष सारे मेरे हैं।
ईहातीत क्षण ------ईश्वरीय अनुकम्पा के क्षणों का दिव्य प्रसाद है.
- प्रार्थना / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- धर्म और अध्यात्म / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- समय पथ पर काल चक्र / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- चितवन की प्रार्थी / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- मैंने एक सत्य थामा है / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- दिशाओं की बाँहें / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- गुरुत्वाकर्षण के पार / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- कर्म शृंखला / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- धरती और नारी / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- स्तब्ध बोध / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- मन की सत्ता / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- ध्यान की उष्मा कर्म की उर्जा / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- भाषा / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- चिरंतन सत्य / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- यक्ष प्रश्न / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- जीवित समिधा / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- प्रीति और प्रतिशोध / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- शरण-आधार / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- आत्मा और पाप / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- अमृत प्राशन / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- मैं, मेरा ममकार / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- अविचल तितिक्षा / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- अपरिग्रह / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- जीवन एक प्रश्न / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- कर्म के चक्र व्यूह / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- तापसी प्रवज्या / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- राग, विराग,वीतराग / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- हमें संपूरित होना है / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- लक्ष्य का संधान / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- ईहातीत क्षण (कविता) / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- समय के हस्ताक्षर / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- प्रज्ञा प्रतिज्ञा / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- आत्म रमण / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- पञ्च तत्वों के स्कंध / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- रूप की इयत्ता का बंदी / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- अहम् कालोस्मि / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- मेरे नियति पुरूष / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- चंदन की सुगंध सा सात्विक तुम्हारा स्मरण / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- अनुकम्पा के अवतार / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- नदी के दो किनारे / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- नारी / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- कविता / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- मेरा जीवन / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- पहचान / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- आज का इन्सान / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- पाप पुण्य का भागी / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- ज्ञानी / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- गति / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- जीवन की एकाग्र पुकार / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- आत्महारी विदग्धता / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति
- बिन्दु / ईहातीत छन / मृदुल कीर्ति