थोड़ा विराम चाहिए मुझे।
विश्रामधाम चाहिए मुझे।
मैं चाह रहा गृहपोतक-वर।
कविता-कुमुद्वती-केलि-सुतर।
वितमस्क-विवर वितरिक्त-वितर।
पाने को प्रज्ञावृद्धि प्रवर।
भोगोपराम चाहिए मुझे।
उपलम्भग्राम चाहिए मुझे।
कमलिनी-कूल चाहिए मुझे।
सद्धर्म-मूल चाहिए मुझे।
मुझको सविता का पथ दे दो।
जग-दरस हेतु रवि-रथ दे दो।
दारुण-भट अप्रतिरथ दे दो।
अम्बर-निरभ्र अवितथ दे दो।
वर्तनामूल चाहिए मुझे।
परिखा-दुकूल चाहिए मुझे।