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अनिल अनलहातु / परिचय

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अनिल अनलहातु

जन्म – बिहार के भोजपुर (आरा) ज़िले के बड़का लौहर-फरना गाँव में दिसम्बर 1972 में ।

शिक्षा – मैट्रिक – बोकारो इस्पात उच्च विद्यालय, बोकारो। आई०एस-सी० – सन्त कोलंबस कालेज, हजारीबाग । बी०टेक०, खनन अभियन्त्रण- इण्यडिन स्कूल ऑफ़ माइंस ,धनबाद । कम्प्यूटर साइंस में डिप्लोमा, प्रबन्धन में सर्टिफिकेट कोर्स।

प्रकाशन – साठ-सत्तर कविताएँ, वैचारिक लेख, समीक्षाएँ एवम् आलोचनात्मक लेख आदि हंस, कथादेश, वागर्थ, समकालीन सरोकार, पब्लिक अजेण्डा, परिकथा, उर्वशी, समकालीन सृजन, हमारा भारत, निष्कर्ष, मुहीम, अनलहक, माटी,आवाज़, कतार, रेवान्त, पाखी, कृति ओर, चिन्तन-दिशा, शिराज़ा, प्रभात खबर, हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित । कविता-इण्डिया, पोएट्री लन्दन, सम्वेदना, पोएट, कविता-नेस्ट आदि अँग्रेज़ी की पत्रिकाओं एवम् वेब पत्रिकाओं में अँग्रेज़ी कविताएँ प्रकाशित। एक कविता-सँग्रह – ’बाबरी मस्जिद तथा अन्य कविताएँ’ ।

पुरस्कार – ’कल के लिए’ पत्रिका द्वारा मुक्तिबोध स्मृति कविता पुरस्कार । अखिल भारतीय हिन्दी सेवी संस्थान, इलाहबाद द्वारा ’राष्ट्रभाषा गौरव’ पुरस्कार । आई०आई०टी० कानपुर द्वारा हिन्दी में वैज्ञानिक लेखन पुरस्कार ।

सम्प्रति – केन्द्रीय लोक उपक्रम में उपमहाप्रबन्धक |

पता – द्वारा ए० के० सिंह, फ्लैट नम्बर - 204, अनन्या अपार्टमेण्ट,शान्ति कालोनी, गुरूकृपा ऑटो के पीछे, स्टील गेट, सरायढेला, धनबाद, झारखण्ड-828127 मोबाईल नम्बर : 08986878504, 09431191742, 03262202884 ,
ई०मेल – ccsoaks@gmail.com

वक्तव्य :

कविताएँ मेरे लिए सिर्फ़ कथार्सिस का ही काम नहीं करतीं, अपितु मुझपर व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा को उसकी सम्पूर्णता में स्थापित एवं व्यक्त करने का लगातार दबाव भी बनाती हैं । सामाजिक विद्रूपताओं एवं वैषम्य के विरुद्ध अनवरत और अन्तहीन सँघर्ष की अन्त:प्रेरणा है मेरा लेखन । मेरी रचनाएँ आईना हैं, समाज और व्यक्ति का। उसको उसका विद्रूप, विरूप और विकृत चेहरा दिखाती हुईं, उसे एक बेहतर मनुष्य और एक बेहतर समाज के निर्माण हेतु सतत सक्रियता का सन्धान करती हुईं। जब भी कोई व्यक्ति अपने अधिकार पाने के लिए उठ खड़ा होता है, वह सुन्दर दिखने लगता है .....मेरी कविताएँ इसी सुन्दरता की शाब्दिक अभिव्यक्ति हैं।