Last modified on 29 जुलाई 2019, at 23:45

असमंजस / ऋषभ देव शर्मा

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:45, 29 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैंने रात से ज़िद की–
ठहर जा

कुछ घड़ी और।
और वह चली
गई
बिना ठहरे
कुछ घड़ी पहले।