Last modified on 10 अगस्त 2019, at 00:19

चिन्ता / मुकेश प्रत्यूष

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:19, 10 अगस्त 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश प्रत्यूष |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कल ठीक यहीं पहंचे थे हम
-साथ-साथ चलते हुए
कल ठीक वहीं से शुरू किया था हमने चलना
जहां से चले हैं आज

क्या कल भी पहुंचना होगा हमें
-ठीक यहीं
ठीक वहीं से चलते हुए.