भरे हउला बोहे, पानी चुचवावत हे।
गोरी के देह वोखर उम्र ल बतावत हे।
लम्बा चुंदि के छोकरी, आंखी घुमावत जाय
देखे तौनो पछताय, नई देखय तौन पछताय
सोलहसाल म सुरा घलो सुंदर दीखथे
मया के नइय परिभाषा, सब अपने अपन सीखथे
चेहरा माहे चन्दा, आंखी हे कमल फूल।
कनिहा म हे नंदिया, रेंगना झूलना के झूल।