Last modified on 27 अगस्त 2019, at 03:55

यह घर / दिनेश्वर प्रसाद

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:55, 27 अगस्त 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश्वर प्रसाद |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यह घर भूतों का डेरा है ।
यह घर साँपों का बसेरा है ।
इस घर पर  गीध बैठ जाते हैं ।

लो, यह बारूद लो,
इस घर को गिरा डालो ।
मत समझो, बेघर रह जाओगे ।