एक आह में बंद था
दर्द का पूरा महाकाव्य
एक बोलती चुप्पी ने
डरा दिया सबको
मृत घोषित कर दिया गया था जिसे
उसका ख़ून चीख़-चीख़ कर
बताने लगा सब को
हत्यारों की पहचान
सहम गए सब
कि कैसा युग था यह
कैसे लोग थे हम
एक आह में बंद था
दर्द का पूरा महाकाव्य
एक बोलती चुप्पी ने
डरा दिया सबको
मृत घोषित कर दिया गया था जिसे
उसका ख़ून चीख़-चीख़ कर
बताने लगा सब को
हत्यारों की पहचान
सहम गए सब
कि कैसा युग था यह
कैसे लोग थे हम