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कभी-कभी / तादेयुश रोज़ेविच

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कभी कभी
ऐसा वक़्त भी आता है
जब कविता
कविता में नहीं होती

पचास साल तक लिखते रहने के बाद
एक कवि को लग सकता है
कविता
किसी पेड़ जैसी हो गई है
बुझती हुई रोशनी जैसी

या किसी परिन्दे की तरह

कविता होठों का रूप ले लेती है
ख़ामोशी में घोंसला बना कर
बसेरा करती है

या कवि में ही रही आती है
बिना किसी आकार

बिना किसी अर्थ

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उदय प्रकाश

(१३ अक्टूबर, १९८८ - १० मार्च १९८९ के बीच लिखी गयी कविता )
(एडम चेर्नियावस्की के अनुवाद पर आधारित , 'दे केम टु सी ए पोएट ' संग्रह से )