Last modified on 30 अक्टूबर 2019, at 19:11

गीत शौर्य हित / प्रेमलता त्रिपाठी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:11, 30 अक्टूबर 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमलता त्रिपाठी |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

गीत शौर्य हित गाना आता।
हमको भी मिट जाना आता।

मान धरा का रखना अपने,
मृत्यु देश हित पाना आता।

विलख रही अस्मिता हमारी,
उसको हमें बचाना आता।

साहस से बढ़ चले जिधर हम,
विजय ध्वजा फहराना आता।

नहीं किसी से कटुता अपनी,
करुणा सरस बहाना आता।

अमन चैन से जीना सबको,
समता सहज बढ़ाना आता।

प्रेम सुमन रसपान करें सब,
स्नेह सुधा बरसाना आता।