Last modified on 6 नवम्बर 2019, at 00:40

वेदना / छाया त्रिपाठी ओझा

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:40, 6 नवम्बर 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=छाया त्रिपाठी ओझा |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वेदना तुम पास आकर
इस हृदय का बल बनो

अश्रु अंतस में हैं ठहरे
दे रहे हैं घाव गहरे
जिन्दगी के हर कदम पर
ज्यों लगे दिन रात पहरे
वेदना तुम आज आकर
चक्षुओं का जल बनो
वेदना तुम पास आकर
इस हृदय का बल बनो

रूठ बैठे स्वप्न सारे
हम हुए हैं बेसहारे
क्या बचा अब शेष कुछ भी
जब कोई अपनों से हारे
वेदना तुम डगमगाती
आस का सम्बल बनो
वेदना तुम पास आकर
इस हृदय का बल बनो

टूटती हर कामना जब
बस तुम्हें ही थामना तब
फिर उजालों से भला मन
सामना कैसे करे अब
वेदना तुम मुस्कुराकर
हर व्यथा का हल बनो
वेदना तुम पास आकर
इस हृदय का बल बनो