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नेताजी कहलथिन / दयानन्द प्रसाद

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का हो सुमरन चलबा नय
नेताजी के भाषण सुने गांधी मैदान मे
सुमरन कहलका, कहाँ जइबो नेता के भाषण मे
नेता जी के कहलापर दू दिन से हड़ताल हे
भूख से लड्कन बेहाल हे
अनाज के दाना ले तरसऽ ही
झोपड़ी मे रात भर गर्मी से लहरऽ ही
सब नेता एके बोली बोलतो
झोपड़ी के बदले मे फ्लैट बना देबौ
भरपेट अनाज सबके देला देबौ
तोहनी के अंगभर कपड़ा सिला देबौ
गाम गाम में स्कूल आउ अस्पताल खोलबा देबौ
अपन फैसला अपने से करिहऽ
भोट देके हमरे जीतअयहऽ
भकभक उज्जर कपड़ा पहिनले
नेताजी अपन कार से कहके चल देलका ।
तोहि बताबऽ, ई चुनाव केकरा ले
नेता ले, अफसर ले
नेता के परिजन ले या नेता के दलाल ले?
जनता तो अंइसी ठगले रह जइतो
की कहबा एकरा
लोकतंत्र
भीडतंत्र
की गुंडातंत्र?