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भूख / मुनेश्वर ‘शमन’

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भूख के आगू,
गब्बर-बब्बर पूछिया हिलावय।
एक्कर आँच,
रेसमी रिस्ता के झुलसाबय।
भूख के मारल,
बुतरु-बूढ़ा बीनय कूड़ा।
ई ससुरी,
अप्पन सबसे भी दूर ले जा हइ।
भूख,
ई खौलइत भूख /
हे जग के बड़गो बेबसी।
जीवन भर,
बंचित के ई तिल-तिल तरसाबय।