Last modified on 27 दिसम्बर 2019, at 14:37

बइरिन बरसात / मुनेश्वर ‘शमन’

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:37, 27 दिसम्बर 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुनेश्वर 'शमन' |अनुवादक= |संग्रह=सप...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बहय कनकन बेआर,
पड़य रिमझिम फुहार।
पिया, बइरिन बरसात,
ई जराबे जियरा।।

करके हमरा अनाथ,
कहाँ रमला हो नाथ।
दरद दे के सौगात,
केकर धरला तूँ हाथ।
मरल मन के हुलास,
कते जिनगी उदास।
तोहरा लौटय ले गाँव,
हम पूजहूँ पीपरा।।

लगय सौतन के बात,
नियर भींजल-भींजल रात।
जुलुम बिरहिन के साथ,
करय बदरा बज़्जात।
सूना अँगना-दुआर,
हमर दुनिया अन्हार।
धरय मनवाँ नञ धीर,
लोरे भींजय अँचरा।।