Last modified on 24 जनवरी 2020, at 16:24

घास / सरोज कुमार

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:24, 24 जनवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोज कुमार |अनुवादक= |संग्रह=सुख च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वे तुझे
ख़ारिज करने पर तुले हैं
और तु उन्हें
घास नहीं डालता!
इसीलिए वे तुझे
ख़ारिज करने पर
तुले हैं!
तेरी घास ही है
जो झगड़े कि जड़ है!

वैसे तेरे पास
होने के नाम पर
अगर कुछ है
तो केवल घास ही तो है,
वह भी डाल देगा
तो बचेगा ही क्या तेरे पास
जो तुझे
तु बनाए रखे?