Last modified on 13 फ़रवरी 2020, at 14:25

जनवरी / हरेराम बाजपेयी 'आश'

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:25, 13 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरेराम बाजपेयी 'आश' |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जनवरी, जनवरी, यह महिना है जनवरी,
बीत गया जो था दिसम्बर, आने वाला फरवरी।
नए वर्ष का पहला महीना,
कडक ठंड में छिपा पसीना
कोट रज़ाई हीटर भाए
ठंडे जल से दिल घबराए
तन पर शॉल, सूट शादी में, साड़ी सोहे लगी जरी॥1॥ जनवरी-जनवरी

 मीठी-मीठी धूप सुहाए
हरे छोड़ और बटला खाएँ
केसरिया दूध कभी सिंघाड़े
अच्छे लगते जाड़े जाड़े
मेथी पूड़ी संग भाति है धनिया चटनी हरी-हरी॥2॥ जनवरी

मक्का की रोटी सरसों साग
गाजर हलुआ गराडू माँग
तिल के लाडु या फिर गज़क
चाय में जी भर डालो अदरक।
घर से साथ में रखना कम्बल चादर और दरी॥3॥