Last modified on 15 फ़रवरी 2020, at 00:03

रावण / पद्मजा बाजपेयी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:03, 15 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पद्मजा बाजपेयी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बुराइयों का प्रतीक रावण,
हर वर्ष जलाया जाता है,
पर बुराइयाँ तो रावण से भी अधिक
कठोर है, क्रूर है, जो जलने के बजाय
बढ़ रही है, पल रही है,
उन्हें दूर करने के लिए,
एक राम नहीं, अनेक रामों को,
धरती पर आना होगा, आना होगा।