Last modified on 17 फ़रवरी 2020, at 12:30

भुला / बीना बेंजवाल

Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:30, 17 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बीना बेंजवाल }} {{KKCatGadhwaliRachna}} <poem> सुपिनौ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सुपिनौंकि फंचि समाळ भुला
चौतिर्पु चोर चंडाळ भुला
सैंणा दिखेंदा ये सहर
तड़तड़ि जिंदगी उकाळ भुला
जतगा सौंगि येकि सड़कि
खुट्टा उतगै ल्वेखाळ भुला
मसिनौंकि संगत ह्वेगिन लाटा
मनखि गौंका छुंयाळ भुला
द्यूळ दिमाग्या लगै ताळा
फरेबा बिछौंद जाळ भुला
इस्कुलि खोली अफु मालामाल
हैंका बणौंद कंगाल भुला
मयळ्दु सभौ बणै रूखो
संवेदना सुखौंद गंगाळ भुला
त्वेबि सौं छन झुकण निद्ये
स्वाभिमाना अपणा हिमाल भुला।