Last modified on 18 फ़रवरी 2020, at 19:01

कबूतर / राहुल शिवाय

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:01, 18 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राहुल शिवाय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

दिखता कितना भोला-भाला
होता भूरा, उजला, काला
गुटर-गुटुर-गूँ करता रहता
नहीं लगाता मुँह पर ताला

चलता छम-छम चाल कबूतर
भरता मन में प्यार कबूतर
आसमान में उड़ता जाता
अपने पंख पसार कबूतर

चुनता खाने को यह दाना
खाता बिल्कुल सादा खाना
विश्व-शांति का दूत कबूतर
करता बच्चों को दीवाना।