मैंने एक सपना छोड़ा हैं
बिल्कुल निरीह अकेला
तुम्हारी राह में
तुम्हारे घर के आस पास
हो सके तो उसे अपना लेना
अपनी नजरों में कहीं पनाह देना
मेरा सपना था वो
अब तुम्हारा होते देखना चाहता हूँ
मैं दूर ही सही
सपनों को तुम्हारे नजदीक रख देखना चाहता हूँ...