Last modified on 1 अप्रैल 2020, at 19:11

परिचय / प्रगति गुप्ता

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:11, 1 अप्रैल 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारी आँखों में अक्सर
मैने एक प्रश्न घूमते देखा है...
कभी मैं भी बोलूं
तेरे मेरे रिश्ते का परिचय क्या है...
कुछ प्रश्नो के उत्तर कहाँ होते हैं,
छाँव और सकून
तेरे साथ होने से ही
मेरे साथ-साथ चलते हैं
अब परिभाषित भी करूँ तो कैसे
तेरे साथ जिये पलों से जुड़े भावों को,
जो शब्दों में बंधकर
कभी बहते ही नहीं है ...
चल रही साथ तेरे
निशब्द शान्त सी हरपल मै...
जो छाँव, सकून तेरे साथ से है,
वही इस साथ का परिचय
बाकी कुछ नहीं निःशेष है...