Last modified on 4 सितम्बर 2008, at 18:47

हम मुसकुराएंगे! / महेन्द्र भटनागर

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:47, 4 सितम्बर 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र भटनागर |संग्रह= हँस-हँस गाने गाएँ हम ! / महेन्द...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

.
  संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !
.
हम करेंगे सामना तूफ़ान का
डर नहीं हमको तनिक भी प्राण का
ध्यान केवल मातृ - भू के मान का
देश की स्वाधीनता के गीत गाएंगे !
संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !
.
हो भले ही राह में बाधा प्रबल
हम रहेंगे निज भरोसे पर अटल,
एकता हमको बनाएगी सबल,
हम कड़े श्रम से, धरा पर स्वर्ग लाएंगे !
  संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !
.
जगमगाते दीपकों से प्यार है,
  पास फूलों का मधुर उपहार है,
  लक्ष्य में हँसता हुआ संसार है,
एक दिन दुनिया सुनहरी कर दिखाएंगे !
संकटों में भी सदा हम मुसकराएंगे !