लेते रहो राम का नाम।
जीवन सारा है संग्राम॥
जैसे हो सपना सुकुमार।
ऐसा सुंदर हरि अभिराम॥
छोड़ो मत अपनों का हाथ
सदा विपद में आये काम॥
चलें चक्रवत सूरज चाँद
कभी नहीं इनको विश्राम॥
मंजिल तुमको रही पुकार
मत ठहरो करने आराम॥
लेते रहो राम का नाम।
जीवन सारा है संग्राम॥
जैसे हो सपना सुकुमार।
ऐसा सुंदर हरि अभिराम॥
छोड़ो मत अपनों का हाथ
सदा विपद में आये काम॥
चलें चक्रवत सूरज चाँद
कभी नहीं इनको विश्राम॥
मंजिल तुमको रही पुकार
मत ठहरो करने आराम॥