Last modified on 11 अप्रैल 2020, at 15:13

हमारे पेड़ / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:13, 11 अप्रैल 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कितने अच्छे पेड़ हमारे
घनी छांह हमको देते हैं
ऊँचे होते सुंदर लगते
हरा भरा मन कर देते हैं
शाख हिला कर हमें बुलाते
नित्य निमंत्रण देते रहते
चिड़ियाँ गाती फुदक-फुदक कर
उनको खेल खिलाते रहते
पहले फूल खिलाते जी भर
फल भी हमको दे देते
खट्टे मीठे और रसीले
सभी स्वाद के हैं वे होते
फल पक जाते ही झुक जाते
विनम्रता का पाठ पढ़ाते
वर्षा लाते ठीक समय पर
प्रयावरण पवित्र बनाते
इन्हें काटना नहीं कभी भी
ये तो सबके प्यारे हैं
झूलों की शोभा बन जाते
गीत सुनाने वाले हैं।