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रामदरबार / राघव शुक्ल

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जगमग जगमग हुई अयोध्या, आज प्रजा ने दीप जलाए
राजाराम पुनः घर आए

अंबर में पुष्पक विमान है
अद्भुत घर-घर नाद हुआ है
राम नाम की शुभ ध्वनियों से
गुंजित हर प्रासाद हुआ है
सुन प्रभु की आगमन सूचना, व्याकुल भ्रात भरत हरषाए

सिंहासन पर प्रभु बैठे हैं
सभी और खुशहाली छाई
रामराज्य की हुई स्थापना
सबने दीपावली मनाई
विरुदावलि गाते वंदीजन,पावन मंगल गीत सुनाए

भरत शत्रुघन विनत खड़े हैं
एक ओर हैं लक्ष्मण भइया
राम मध्य में शोभा पाते
वाम ओर हैं सीता मइया
प्रभु सेवा में भूमि विराजे, पवनपुत्र हैं शीश नवाए