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वजहें / कुमार राहुल

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रिश्तों के जीने चढ़ते उतरते
कब सोचते हैं आप
कि अलग होने की वज़हें नहीं
बहाने होते हैं

कब जाना आपने
कि उदासी भी एक रंग है
और ख़ामोशी कोई खुशबू

कहाँ रहता है ये ख़याल
कि कहे अनकहे के बीच
लिखा हुआ था कितना

किसी ने भी तो नहीं कहा
कि छूटने और छोड़ देने में फर्क है

दुनिया कि सबसे ख़ूबसूरत नज़्म
लिखी गयी होगी सबसे उदास लम्हें में...