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प्रेम-पत्र / बद्रीप्रसाद बढू

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मैले तिम्रो हृदय गतिको चाहना बुझ्न पाए
एक्लै तिम्रै वरिपरि बसी भावना पोख्न पाए
कैयौं कैयौं दिनहरू नयाँ साथ तिम्रै म हुन्थें
वर्षौं वर्षौं अमिट रहने प्रेमको फूल दिन्थें।।