Last modified on 5 जून 2020, at 21:58

प्रेम / संगीता कुजारा टाक

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:58, 5 जून 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संगीता कुजारा टाक |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कल रात
जिस पौधे से
बातें की थी

तुम्हारे बारे में
सब से चुप कर

माली बता रहा था
आज उस में फूल उगाए हैं

प्रेम छुपाए नहीं छुपता
है न!