Last modified on 13 जून 2020, at 13:11

पूँजीवाद / एस. मनोज

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:11, 13 जून 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=एस. मनोज |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <p...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पूँजीवादआपको
लुभाएगा, ललचाएगा
भरमाएगा, बड़गलाएगा
और धीरे-धीरे आपके अंदर घुस जाएगा
फिर आपको पतित बनाएगा
अपने कर्म और धर्म से अलग करबाएगा
यदि आप उसके भ्रम जाल में नहीं फंसे तो
आपको डराएगा, धमकाएगा।
इस सबके बाद भी आप यदि
इसके मानव विरोधी चरित्र के कारण
इसे मिटाने का प्रयास करेंगे तो
अपने नष्ट होने से पूर्व
आप को नष्ट करने का
हरसंभव तिकड़म चलाएगा।