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हँसावत-हँसावत रुलावल गइल बा / सुभाष पाण्डेय

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करीं ना ठिठोली सतावल गइल बा।
हँसावत-हँसावत रुलावल गइल बा।

विदा के मुहूरत मुकर्रर के पहिले
अचके में डोली पठावल गइल बा।

अम्बर ले ऊँचा पता ना कहाँ ले
गिरावे से पहिले चढ़ावल गइल बा।

सुला के बड़ा चैन से सेज-सपने
बस्ती में काठी धरावल गइल बा।

जुलुमी कहानी लिखाहीं का पहिले
कलम से सियाही सुखावल गइल बा।

खनत सोरि सहिते इँजोरा के आशा
तमस के किसानी करावल गइल बा।

'संगीत' सँवरेला वादी सुरन से
विवादी सुरन के सटावल गइल बा।