Last modified on 8 जुलाई 2020, at 14:21

हाथ / केदारनाथ सिंह

Arti Singh (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:21, 8 जुलाई 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

उसका हाथ
अपने हाथ में लेते हुए मैंने सोचा
दुनिया को
हाथ की तरह गर्म और सुंदर होना चाहिए.