Last modified on 18 जुलाई 2020, at 13:22

भगोड़े / स्वप्निल श्रीवास्तव

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:22, 18 जुलाई 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=स्वप्निल श्रीवास्तव |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

भगोड़े स्वर्ग में छिपे हुए है
हम उन्हें नर्क में खोज
रहे हैं

वे पुष्पक विमान से उड़कर
इन्द्रलोक में छिप गए है
और इन्द्रलोक की शोभा
बढ़ा रहे है

अप्सराओं के मादक नृत्य चले
रहे है
चषक में ढाली जा रही है
मदिरा

जिस अदालत में उनके लिए
सज़ा प्रस्तावित है , उसे देवलोक ने
माफ़ कर दिया है