हब्बा ख़ातून
जन्म | 1552 |
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निधन | 1605 |
जन्म स्थान | कश्मीर |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
वे मीरा और अकबर की समकालीन थीं ।उनका कण्ठ-स्वर बहुत सुरीला थाऔर उनके गीतों में प्रेम के मिलन और विरह, दोनों पक्षों तथा स्त्री जीवन की विडम्बना का स्वर प्रमुख हैं। इन्हें कश्मीरी साहित्य में ’बुलबुले-कश्मीर’ के नाम से याद किया जाता है। | |
जीवन परिचय | |
हब्बा ख़ातून / परिचय |
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