जी खोल कर हंसी वह
पूरे वेग से
उसकी पारदर्शी हंसी
सुबह की ताज़ा धूप सी
हवाओं में छिटकी
फिर अचानक सहमी ठिठकी वह
आया ख्याल
ऐसे हंसना नहीं चाहिए था उसे
वह एक लड़की है
उसके ऊपर के दांत बेढब हैं
कुछ बाहर को निकले हुए!
जी खोल कर हंसी वह
पूरे वेग से
उसकी पारदर्शी हंसी
सुबह की ताज़ा धूप सी
हवाओं में छिटकी
फिर अचानक सहमी ठिठकी वह
आया ख्याल
ऐसे हंसना नहीं चाहिए था उसे
वह एक लड़की है
उसके ऊपर के दांत बेढब हैं
कुछ बाहर को निकले हुए!