Last modified on 19 अगस्त 2020, at 21:53

स्वतंत्रता बनी रहे / उर्मिलेश

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:53, 19 अगस्त 2020 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

यदि इस वीडियो के साथ कोई समस्या है तो
कृपया kavitakosh AT gmail.com पर सूचना दें

न और कोई कामना
यही है सिर्फ़ याचना
पवित्र मातृभूमि की महानता बनी रहे
स्वतंत्रता बनी रहे ,स्वतंत्रता बनी रहे

शहीद वीर बाँकुरों की आन है स्वतंत्रता
समस्त देश प्रेमियों की शान है स्वतंत्रता
वतन हमारा जिस्म है तो जान है स्वतंत्रता
हवा है ,रौशनी है,आसमान है स्वतंत्रता
यही तृषा-विभेदिनी
यही हमारी मेदिनी
इसी में पंच तत्व की विशेषता बनी रहे!

स्वतंत्रता का अर्थ है कि हम स्वतंत्र स्वर बनें
जहाँ हो मौन दासता वहाँ सदा मुखर बनें
स्वतंत्रता के तीर्थ की सदैव हम डगर बने
सजीव स्वाभिमान से जियें सदा निडर बनें
यही हमारा लक्ष्य हो
स्वतंत्र हर मनुष्य हो
परन्तु हर मनुष्य में मनुष्यता बनी रहे!

उठें कि हम जो सो रहे हैं अब उन्हें झिंझोड़ दें
नवीन क्रान्ति दें,स्वदेश को नवीन मोड़ दें
समस्त भ्रष्ट -दुष्ट मालियों का साथ छोड़ दें
स्वदेश के चरित्र को पवित्रता से जोड़ दें
न छोड़ें मानवीयता
न भूलें भारतीयता
विवेक से अनेकता में एकता बनी रहे!