Last modified on 22 अगस्त 2020, at 15:39

झाँकना / अनामिका अनु

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:39, 22 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनामिका अनु |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

काश !
वह झाँकता
इस तरह मेरे भीतर

कि खुल जाती
उम्र की वह स्वेटर

जो वक़्त के काँटे पर
बुनी गई थी
बिना मेरी इजाज़त के ।