Last modified on 27 अगस्त 2020, at 22:10

गुल्ली बोली / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:10, 27 अगस्त 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रभुदयाल श्रीवास्तव |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

गुल्ली बोली इस तितली को,
हलुआ पुड़ी खिलाऊंगी।

कभी लंच पर कभी डिनर पर,
इसको रोज़ बुलाऊंगी।

सुनी बात तो तितली बोली,
हलुआ पुड़ी न खाऊंगी।

अगर खिलाओ पिज्जा वर्गर,
तभी लंच पा आऊंगी।

डिनर रात को होता इससे,
रात नहीं आ पाऊंगी।

ब्रेक फास्ट में, अगर खिलाओ,
चाऊमिन तो आऊंगी।